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प्रकृति प्रद्दत एक मात्र फल जो “श्री ” से अलंकृत है – श्रीफल

नारियल श्रीफल को शुभ मंगल समृद्धि एवं सम्मान का प्रतीक माना जाता है सृष्टि का यह एक ही फल ऐसा है जो श्री से अलंकृत नाम श्रीफल है| हिंदू धर्म में नारियल को बहुत शुभ माना जाता है इसलिए अधिकतर मंदिरों में नारियल फोड़ने या चढ़ाने का रिवाज है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म के लगभग सभी देवी देवताओं को नारियल चढ़ाया जाता है किसी भी कार्य को शुरू करने से पूर्व नारियल फोड़कर चढ़ाना भगवान को शुभ होता है पूजन की सामग्री में भी नारियल अहम होता है कोई भी पूजा बिना नारियल के अधूरी मानी जाती हैं मान्यता है कि भगवान को नारियल चढ़ाने से जातक के दुख दर्द समाप्त होते हैं और धन की प्राप्ति होती है प्रसाद के रूप में मिले नारियल को खाने से शरीर की दुर्बलता दूर होती है

पहले क्यों फोड़ा जाता है नारियल

मान्यता है कि एक बार ऋषि विश्वामित्र ने इंद्र से नाराज होकर दूसरे स्वर्ग की रचना करने लगे लेकिन वह दूसरे स्वर्ग की रचना से असंतुष्ट थे फिर भी वह पूरी सृष्टि ही दूसरी बनाने लगे दूसरी सृष्टि के निर्माण में उन्होंने मानव के रूप में नारियल का निर्माण किया इसलिए नारियल के खोल पर बाहर दो आंखें और एक मुख की रचना होती हैं एक समय में हिंदू धर्म के मनुष्य और जानवरों की बलि एक समान बात थी तभी इस परंपरा को तोड़कर मनुष्य के स्थान पर नारियल चढ़ाने की प्रथा शुरू हुई पूजा में नारियल फोड़ने का अर्थ यह होता है कि व्यक्ति ने स्वयं को अपने इष्ट देव के चरणों में समर्पित कर दिया और प्रभु के समक्ष उसका कोई अस्तित्व नहीं है इसलिए पूजा में भगवान के समक्ष नारियल फोड़ा जाता है

नारियल भेंट करने की विधि

देव मूर्ति प्रतिष्ठा के समय मूर्ति को अनेक जल से स्नान करने का महत्त्व हे उसमे से एक गर्भ जल श्रीफल के जल से स्नान कराया जाता है | श्रीफल सुख समृद्धि सम्मान उन्नति और सौभाग्य का सूचक माना जाता है किसी को सम्मान देने के लिए श्रीफल भी भेंट किया जाता है तिलक विवाह विदाई के समय श्रीफल भेंट किया जाता है वैदिक अनुष्ठानों में कर्मकांड में सूखे नारियल को वेदी में होम यज्ञ किया जाता है

पूजा पाठ अनुष्ठान या मंदिर ब्राह्मण आदि स्थान पर नारियल भेंट करते समय यह ध्यान रखे की नारियल का मुख जहा भेंटे क्र रहे हे उस तरफ हो और भेंट करने वाले की तरफ नारियल की पूछ होना चाहिए इस विधि से श्रीफल चड़ाना शुभ होता है |

वाहन पूजा के समय या विवाह बारात यात्रा आदि के समय नारियल को वाहन के पहिये के निचे कुचलना शुभ नही है नारियल को वाहन के सामने शिला पत्थर रखकर फोड़ना चड़ाना चाहिए |

नारियल क्यों नहीं फोड़ती स्त्रियां

श्रीफल बीज रूप है इसलिए इसे उत्पादन अर्थात प्रजनन का कारक माना गया है श्रीफल को प्रजनन क्षमता से जोड़ा गया है स्त्रियों बीज रूप से ही शिशु को जन्म देती है इसलिए नारी के लिए बीज रूपी नारियल को फोड़ना अशुभ माना गया है देवी देवताओं को श्रीफल चढ़ाने के बाद पुरुष ही इसे फोड़ते हैं

 

– अन्तर्राष्ट्रीय वास्तुविद् वास्तुरत्न ज्योतिषाचार्य पं प्रशांत व्यासजी
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