आविष्कारों ने हमारी और आपकी जिन्दगी को आसान बनाया है। लेकिन कुछ आविष्कार ऐसे भी हैं जो हमारे लिए तो उपयोगी हैं लेकिन वो आविष्कार अपने ही जन्मदाता के हत्यारे हैं।
कार और ट्रेन का मिश्रण “एयर वैगन” का आविष्कार –
रूस के वेलेरियन अबाकोवेस्की ने 25 वर्ष की उम्र में एक वाहन बनाया था जो कार और ट्रेन का मिश्रण था। यह एयरवैगन एयरोप्लेन के इंजन से चलता था। इसे बनाने का उद्देश्य रूस के दूर-दराज के इलाकों की दूरी कम करना था। उस जमाने में इस आविष्कार को चमत्कार जैसा माना गया।
24 जुलाई 1921 को वेलेरियन और उसका मित्र इस वाहन की टेस्टिंग के दौरान एक साथ इस ट्रेन में सवार हुए। यह एयरवैगन मास्को से रवाना होकर सफलतापूर्वक रवाना हुआ। लेकिन लौटते समय ये पटरी से उतर गया और वेलेरियन की मौत हो गई।
मौत का सांड – “सिसली का सांड” (brazen bull) कैदियों को मौत के लिए तैयार
पैरीलौस ऑफ एथेंस ने कैदियों को मौत की सजा देने के लिए एक बेहद खतरनाक आविष्कार किया। लेकिन उसे खुद को भी नहीं पता रहा होगा कि उसे इतनी दर्दनाक मौत मिलेगी। दंत कथाओं की मानें तो पैरीलौस एक लुहार था।
उसने “सिसली का सांड” नाम का एक उपकरण बनाया। यह उपकरण अपराधियों को जला कर खाक करने के लिए बनाया गया। सांड के आकार की इस मशीन में अपराधियों को बंद कर दिया जाता था। इसके बाद इस सांड के पेट के नीचे आग जलाई जाती थी। आग में भून कर अपराधी की मौत हो जाती थी।
इस सांड का मुंह खुला रखा गया था। ताकि अपराधी की चीखें सुनीं जा सकें। पैरीलौस अपना मौत का सांड बेचने के लिए सिसली गया। वहां पर उसने इस यंत्र की कार्यप्रणाली को समझाने के लिए सांड के अंदर घुस गया। सांड के नीचे आग थी और पैरीलौस अपने ही आविष्कार में जल-भून कर खाक हो गया।
ब्लड ट्रांसफर से हुई एलेक्जेंडर की मौत
एलेक्जेंडर बोगडानोव ने एक बनाया जो आज के समय में किसी वरदान से कम नहीं। 1926 में एलेक्जेंडर ने ब्लॅड ट्रांसफ्यूजन नाम से इंस्टीटयूट शुरू किया। ब्लड ट्रांसफर ण थैरेपी से उन्होंने कई लोगों को जीवनदान दिया। पर बाद में उन्होंने इसे लम्बी आयु और चिर यौवन के लिए इसका प्रयोग करने की ठान ली।
इसी उद्देश्य से उसने एक छात्र का रक्त अपने शरीर में ट्रांसफर किया। लेकिन जिस छात्र से उन्होंने खून लिया, उसे मलेरिया और टीबी था। इस रक्त को लेने के साथ ही एलेक्जेंडर की मौत हो गई|
रेडियोएिक्टव की खोज – मैडम क्यूरी
मैडम क्यूरी या मैरी क्यूरी एक भौतिकशास्त्री और रसायनशास्त्री थीं। उन्हें रेडियोएिक्टव की खोज करने के लिए मुख्य रूप से जाना जाता है। हालांकि आवर्त सारणी के तत्वों रेडियम और पोलोनियम की खोज भी उन्होंने ही की थी।
उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में दो बार नोबेल सम्मान मिला। एक बार अपने पति के साथ संयुक्त रूप से और दूसरी बार अकेले। जिस रेडियोएिक्टव खोज की वजह से उन्हें आज दुनिया जानती है वही उनकी मौत का कारण बना और साल 1934 में अपलास्टिक एनीमिया की वजह से उनकी मौत हो गई।