आई-पी-एड्रेस

आखिर IP एड्रेस होता क्या है, कैसे इसके और मोबाईल नंबर के माध्यम से किसी व्यक्ति का रियल टाइम लोकेशन के बारे में पता लगाया जा सकता है अकसर कई बार हम देखते है कि मोबाइल फोन जब खो जाता है तो कैसे उसको ट्रेस किया जाता है|

 IP एड्रेस क्या होता है – 

जब मोबाइल फोन खरीदते हैं और ID प्रूफ देते हैं तो भी एक नंबर दिया जाता है. ये नंबर इसलिए मिलता है ताकि अगर कोई मोबाइल फोन या उस नंबर से कोई गलत काम करता है तो उसका एड्रेस मिल जाए और उस तक पहुंचा जा सके | इसी तरह जब आप इंटरनेट या ऑनलाइन कनेक्शन को इस्तेमाल करते हैं जैसे की WiFi, तो इंटरनेट चालाते वक्त आपको एक IP एड्रेस दे दिया जाता है. फिर आप जब-जब जो भी वेबसाइट एक्सेस करते हैं या उस पर जाते हैं तो हर वेबसाइट के पास जानकारी पहुंच जाती है की आप कौन हैं, किस ब्राउज़र से हैं, कौन सा फोन इस्तेमाल कर रहे हैं, यहां तक कि उनको ये भी पता चल जाता है कि यूजर का IP एड्रेस क्या है| 

IP एड्रेस एक टेक्निकल टर्म है जिसे Internet Protocol Address (IP Address) कहा जाता है इसका मतलब है कि नेटवर्क में जितने भी कंप्यूटर संयुक्त या connected हैं इनके बीच में जो भी संचार होता है वो IP एड्रेस के जरिये ही होता है. कोई नहीं जानता है कि आपके कंप्यूटर या मोबाइल फोन का क्या नाम है परन्तु IP एड्रेस पता होता है. तो इंटरनेट से जितने भी उपकरण कनेक्टेड हैं चाहे फोन, कंप्यूटर, या अगर IOT डिवाइसेस हैं जैसे कि घड़ी, फ्रिज इत्यादि इनकों भी IP एड्रेस दिया जाता है. ये एड्रेस, इंटरनेट कनेक्शन देने वाली कंपनियों से मिलता है. मान लीजिए आपका जियो, एयरटेल, आईडिया, बीएसएनएल या कोई भी कनेक्शन है तो ये लोग आपको एक IP एड्रेस देते है|

IP एड्रेस इन कंपनियों को IANA एजेंसी द्वारा प्रदान किया जाता है.

IANA एक Internet Assigned Number Authority है. ये पूरी दुनियां में सबको IP एड्रेस प्रदान करती है. ये ही सब देखती है कि किसको कौनसा IP एड्रेस दिया जाए

पूरी दुनिया को क्षेत्रों के हिसाब से बांटा हुआ है जैसे एशिया, अफ्रीका, यूरोप इत्यादि.

ये आप सब जानते हैं कि एशिया में भारत भी आता है तो IANA ने APNIC करके बनाया हुआ है. यानी जितनी भी इंटरनेट देने वाली कंपनियां भारत में हैं चाहे जियो, एयरटेल, आईडिया इत्यादि को IP एड्रेस ये ही प्रदान करती है

गूगल पर जाकर लिखे what is my IP? तो आपको IP पता चल जाएगा. यानी ये IP आपको assign की हुई है और किसी को नहीं दी गई है. अगर आप कोई भी काम करते हैं तो आपको ट्रैक किया जा सकता है कि किस वेबसाइट पर आपने कब विजिट किया है

जब भी आप अपना फोन या मॉडेम on/off करते हैं या फोन को फ्लाइट मोड पर करके on करते हैं तो आपकी IP बदल जाती है|

 भारत में लोगों को dynamic IP मिलती है. यानी वो IP जो बदलती रहती है. Static IP वह होती है जो बदलती नहीं है यानी यूजर इंटरनेट इस्तेमाल कर रहा है या नहीं IP एड्रेस उसकी नहीं बदलती है. IANA से IP पैसो से खरीदी जाती है. मान लीजिये आईडिया के पास 200 IP एड्रेस हैं परन्तु उसको 300 लोगों को IP एड्रेस देने है तो आईडिया को पता है कि ये 300 लोग एक साथ एक समय पर इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करेंगे. तो ये कंपनियां अपना IP एड्रेस बचा लेती हैं. जब यूजर इंटरनेट से कनेक्टेड नहीं रहते हैं तब एक यूजर की IP दूसरे यूजर को दे दी जाती है. फिर जब कोई दूसरा यूजर इंटरनेट on करता है या इस्तेमाल करता है तो उसको एक नई IP दे दिया जाता है.

परन्तु इन सबमें एक दिक्कत आ सकती है कि अगर सब लोग एक साथ इंटरनेट से कनेक्ट हो जाएंगे तो कैसे IP एड्रेस दिया जाएगा? ऐसे में सर्वर डाउन हो जाता है, मेंटेनेंस होने लगती है या फिर कुछ समय के लिए इंटरनेट कनेक्शन को बंद कर दिया जाता है. इससे क्या होगा कि कुछ यूजर वापिस चले जाएंगे और फिर IP लोगो को मिलने लगती हैं. है

कैसे घर बैठे पता लगाए कि ये IP किसकी है और उसकी रियल टाइम लोकेशन क्या है ?

IANA की मदद से पता लगाया जा सकता है कि वह व्यक्ति कहां रहता है, किस देश में रहता है, सिटी कौनसी है परन्तु आसानी से उसके रियल टाइम का पता नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि IP तो किसी भी यूज़र को मिल जाती है.

IP किसी भी कंपनी चाहे एयरटेल हो या आईडिया इत्यादि को मिलती है तो उस कंपनी के पास इस IP एड्रेस का डाटा भी होता है जिसे वो मेन्टेन करती है कि किस टाइम से किस टाइम तक यूज़र ने इंटरनेट का इस्तेमाल किया है साथ ही उसका नाम क्या है जो कि आधार कार्ड या वोटर Id के जरिये सिम देते वक्त लिया जाता है. इससे सिम का नंबर, उस व्यक्ति के घर का पता चल जाता है परन्तु ये सबको नहीं दिया जाता है इसके लिए कोर्ट से आर्डर आता है या ISP का हस्तक्षेप होता है तभी ये सब बताया जा सकता है. ये किसी वेबसाइट या किसी इंसान के हाथ में नही है कि IP के जरिये रियल टाइम लोकेशन बता दी जाए.