prem

(1) सपनों के गीत
Love Dream Poem

प्रेम के गीत लिखूं सपनों में लिख-लिख रोज मिटाता हूँ।
रात पास होती मेरे तुम सुबह नहीं तुझको पाता हूँ।

लड़ना और झगड़ना मुझसे प्यार में चलता रहता है।
सुबह नहीं पाता तुमको तो अश्रुधार ही बहता है।

चाँद सितारे कभी न देखें पलकों में तुम्हें छुपाता हूँ।
बस तार दिलों के मैं जोड़ूँ प्यार की बात बताता हूँ।

(2) जाने-अनजाने कविता

जाने अनजाने ही सही तूने मुझसे प्यार किया।
मैं तनहा-तनहा रहती थी एक पल में सारी ख़ुशी दिया।

मायूसी रहती थी होंठों पर उन होंठों पर हंसी दिया।
तुम दूर नहीं जाना मुझसे तू मुझको अपना बना लिया।

मैं जन्मों साथ निभाऊंगी पहले ही तुझको बता दिया।
अहसान रहा तेरा मुझपर तू प्यार जो पहले जता दिया।

(3) जो तुम आ जाते एक बार
कितनी करूणा कितने संदेश
पथ में बिछ जाते बन पराग
गाता प्राणों का तार तार
अनुराग भरा उन्माद राग
आँसू लेते वे पथ पखार
जो तुम आ जाते एक बार
हँस उठते पल में आर्द्र नयन
धुल जाता होठों से विषाद
छा जाता जीवन में बसंत
लुट जाता चिर संचित विराग
आँखें देतीं सर्वस्व वार
जो तुम आ जाते एक बार

(4) प्यार पर कविता
Love Poem in Hindi

मेरी तुम्हारी यही एक कमी है
तुम प्यार करते हो मैं प्यार करता हूँ।

नहीं शिकवा गिला है किसी को किसी से
इज़हार करते हो इज़हार करता हूँ।

डरते अगर हम मुहब्बत न होती
इकरार करते हो इकरार करता हूँ।

कितने ही पहरे ज़माना लगाए
तुम भी न डरते हो मैं भी न डरता हूँ।

अपना ये सिलसिला अब तो जन्मों रहेगा
ऐतबार करते हो ऐतबार करता हूँ।

मतभेद कोई न आये इस मुहब्बत में
इंकार करते हो इंकार करता हूँ।

5) रिश्ते की एहमियत

जड़ों में ज़ख्म लग जायें
तो शाखें सूख जाती हैं,
मिले हों मन अगर
तो बातें रास आती हैं,
दो लोगों की ज़रूरत को
कोई क्या जान पाया है,
जुदाई एक दूजे की
अहमियत को बताती है ।

(6) तुमसे ही मैं हूँ
You Are My Love

तेरे होने से ही मेरा होना हुआ,
जो था बंज़र कभी वही सोना हुआ।

जब से पारस मेरा गैर हाथों गया,
तब से लेकर अभी तक ही रोना हुआ।

एक समय था सदा तुम मेरे पास थे,
स्वप्न यादों में अब तो संजोना हुआ।

लोग पूछें की कैसा तेरा था सजन,
रूप तेरा मैं कहता सलोना हुआ।

सोचकर प्रश्न ये बैठ रोता हूँ मैं,
पूछते जब तुझे कैसे खोना हुआ।