subah-swera

(1) Gram Gram Ladoo Sa Suraj – गरम गरम लड्डू सा सूरज
गरम गरम लड्डू सा सूरज,
लिपटा बैठा लाली में,
सुबह सुबह रख आया कौन,
इसे आसमान की थाली मे।

मूंदी आँख खोली कलियों ने,
बागों में रंग बिरंगे फूल खिलाए,
चिड़ियों ने नया गान सुनाया,
भंवरों ने पंखों से ताली बजाई।

फुदक फुदक कर रंग बिरंगी,
तितलियों की टोली आई,
पंख फैलाकर मोर ने नाच दिखाएं,
तो कोयल ने भी कुक बजाई।

उठो उठो अब देर ना हो जाए,
कहीं सुबह की रेल निकल न जाए,
अगर सोते रह गए तो,
आगे नहीं बढ़ पाएंगे।

(2) आ रही रवि की सवारी – Aa Rahi Ravi Ki Sawari
आ रही रवि की सवारी।
नव-किरण का रथ सजा है,
कलि-कुसुम से पथ सजा है,
बादलों-से अनुचरों ने
स्वहर्ण की पोशाक धारी।

आ रही रवि की सवारी!

विहग, बंदी और चारण,
गा रही है कीर्ति-गायन,
छोड़कर मैदान भागी,
तारकों की फ़ौज सारी।

आ रही रवि की सवारी!

चाहता, उछलूँ विजय कह,
पर ठिठकता देखकर यह-
रात का राजा खड़ा है,
राह में बनकर भिखारी।

आ रही रवि की सवारी!

(3) Subah ki kirne – सूरज की किरणें
सूरज की किरणें आती हैं,
सारी कलियां खिल जाती हैं,
अंधकार सब खो जाता है,
सब जग सुंदर हो जाता है।
चिड़ियां गाती हैं मिलजुल कर,
बहते हैं उनके मीठे स्वर,
ठंडी-ठंडी हवा सुहानी,
चलती है जैसी मस्तानी।
यह प्रातः की सुख बेला है,
धरती का सुख अलबेला है,
नई ताजगी, नई कहानी,
नया जोश पाते हैं प्राणी।
खो देते हैं आलस सारा,
और काम लगता है प्यारा,
सुबह भली लगती है उनको,
मेहनत प्यारी लगती जिनको।
मेहनत सबसे अच्छा गुण है,
आलस बहुत बड़ा दुर्गुण है,
अगर सुबह भी अलसा जाए,
तो क्या जग सुंदर हो पाए।

(4) आए बादल – Chhote Bachho Ki Poem
आसमान पर छाए बादल,
बारिश लेकर आए बादल।
गड़-गड़, गड़-गड़ की धुन में,
ढोल-नगाड़े बजाए बादल।
बिजली चमके चम-चम, चम-चम,
छम-छम नाच दिखाए बादल।
चले हवाएँ सन-सन, सन-सन,
मधुर गीत सुनाए बादल।
बूंदें टपके टप-टप, टप-टप,
झमाझम जल बरसाए बादल।
झरने बोले कल-कल, कल-कल,
इनमें बहते जाए बादल।
चेहरे लगे हंसने-मुस्कुराने,
इतनी खुशियां लाए बादल

(5) Chanda Mama – चन्दा मामा
चंदा मामा गोल मटोल
कुछ तो बोल, कुछ तो बोल
कल तै आधे, आज हो गोल
खोल भी दो अब अपनी पोल
रात होते ही तुम आ जाते,
संग साथ सितारे लाते.
लेकिन दिन मैं कहाँ छीप जाते,
कुछ तो बोल, कुछ तो बोल

(6) Savera – सवेरा 
सूरज निकला मिटा अँधेरा
देखो बच्चों हुआ सवेरा
आया मीठी हवा का फेरा
चिडियों ने फिर छोड़ा बसेरा
जागो बच्चों अब मत सो
इतना सुन्दर समय न खो

(7) Badal Raja – बादल राजा
बादल राजा बादल राजा
जल्दी से तू पानी बरसा जा
नन्हे मुन्हे झुलस रहे है
जल्दी से पानी बरसा जा…

बादल राजा बादल राजा
जल्दी से पानी बरसा जा
धरती की तू प्यास बुझा जा….

बादल राजा जल्दी आजा…..

(8) सावन जब आता है
सावन जब आता है
खूब मजा आता है।
चारों ओर हरियाली होती
पेड़ों पर खुशियाली होती।
दादुर , मोर , पपीहा गाते
मेंढक उछलकर नाच करते।
कोयल ऊंचे तान सुनाती
घूम – घूम कर सगुन बजाती।

(9) चंदा मामा आए हैं – Hindi Poem
चंदा मामा आए हैं
रात भी हो गई है
तारों का आसमान है
टिमटिम टिमटिम तारे हैं
आंगन में डली चारपाई है
कहानियों की शामत आई है।