(1) motivation kavita
मुश्किलें जरुर है, मगर ठहरा नही हूं मैं
मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैं
कदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,
रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैं
सब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,
दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैं
दिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,
मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदला नही हूं मैं
साथ चलता है, दुआओ का काफिला
किस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नही हूं मैं….
(2) मंज़िल हिंदी कविता
हो इतने सहमे-सहमे क्यों,
बता किस बात का डर है।
चलो कुछ दूर संग मेरे,
जहाँ मंज़िल का भी घर है।
जब मैंने तो वर्षों से,
केवल मंज़िल तुम्हे माना।
तुम्हे बस प्यार करता हूँ,
तुम्हे बस यार ही जाना।
बस उम्मीद तुम रखना,
न तेरा हाथ छोडूंगा।
भरोसा है किया तूने,
भरोसा मैं न तोडूंगा।
बड़ी शिद्दत से चाहा है,
बड़ी शिद्दत से चाहूँगा।
मिलाकर तेरी मंज़िल से,
तभी मैं दूर जाऊँगा।
(3) हौसला (काव्य)
कागज की नाव बही
और डूब गई
बात डूबने की नहीं
उसके हौसले की है
और कौन मरा कितना जिया
सवाल ये नहीं
बात तो हौसले की है
बात तो जीने की है
कितना जिया ये बात बेमानी है
किस तरह जिया
कागज़ी नाव का हौसला देखिये
डूबना नहीं।