Mutual Fund क्या होता हैं
MF या AMC(Assets Management Company) जो होती हैं वे लोग भी शेयर मार्केट में invest करते हैं और शेयर मार्केट में जो उतार चड़ाव हैं वो इन mutual fund company के ऊपर ज्यादा depend करता हैं
कई सारे ipo में MF अपना interest दिखते नही हैं ओर जिन ipo में वो अपना interest दिखते हैं वह बहुत ज्यादा shoot कर जाता हैं
जैसे हमे एक शेयर खरीदना हैं 10 रु का और हमारे पास 2 रु हैं तो ये MF Company हमसे 2 रु लेगी और हमे एक unit assign कर देगी की आपको उस शेयर का इतना भाग दिया जाता हैं ऐसे करके अलग अलग लोगों से 2 2 रु लेकर 10 रु इकट्ठा कर लेती हैं और उस शेयर में invest कर देती हैं जैसे जैसे वह स्टॉक growth करते जाएगा हमारा पैसा बढ़ता चला जाएगा |
2 रु जो ही वह 2.5 रु , 3 रु इस प्रकार होता चला जाएगा
Mutual Fund Company मैं मैनेजर बैठे होते हैं जो बहुत ही High Quality Manager होते हैं ये शेयर को खरीदने का सारा decision लेते हैं |
ये जो asset management company होती हैं जिन्होंने हम सभी से पैसा इकट्ठा किया ये दो जगह invest करती हैं –
Equity Fund में मतलब कंपनी के शेयर मैं (High Risk High Return)
Debts (Low Risk Low Return)
SIP या लमसम क्या हैं –
sip में हम एक अमाउन्ट fix करते हैं की हमारे खाते से हर month कटता चला जाए |
Lumsum एक ही बार में सारी राशि लगा दिया इसका return भी ज्यादा ही आएगा |
Important Terms
AUM (Assets Under Management) = जो भी MF Company के पास कितना पैसा हैं |
NAV (Net Assets Value) = हमारे छोटे investment पर amc हमें उस शेयर की वैल्यू असाइन करती हैं |
Expenses Ratio = amc एक fees charge काटती हैं|
SID (Scheme Information Document) = जहां भी mutual fund company नया invest करती हैं वह अपना सारा detail देती हैं हम चाहे तो पड़ सकते हैं |
NFO (New Fund Offer) = जब भी mutual fund company नया matual fund लाती हैं पहली बार , उसे कहते हैं nfo
Exit Load = कभी भी mf से पैसा निकाल सकते हैं और इसमें काफी कम चार्ज कटता हैं |
Large / MID / Small Cap Fund –
5 Type के Mutual Fund होते हैं –
- Equity Schemes
- Debts Schemes
- Hybrid Schemes
- Solution Oriented Schemes
- Other Schemes
Equity Scheme या Equity Mutual Fund – पैसा market में जाएगा और share में invest होगा इसलिए इसे equity matual fund खा जाता हैं |
- High Risk High Return Funds
- MF का selection अच्छा करना और invest करने के बाद लंबे समय तक मत देखो इससे risk कम होगी
- ये diversified होते हैं जैसे पैसा लगाया stock में तो यदि एक जगह loss हो रहा ही तो दूसरे stock में profit से वह manage हो जाता हैं
- बहुत छोटे stock से start कर सकते हैं sip बना सकते हैं |
Type Of Equity Mutual Fund –
Large Cap – जो Top 1 से 100 कंपनी होती हैं उनका मार्केट capitalization कपहिबद होता हैं
Mid Cap – जो मार्केट की वैल्यू में 101 से 250 के बीच की कंपनी हैं वह mid cap कहलाती हैं
Small Cap – जो 251 से ऊपर की जो कंपनी हैं वो small cap company कहलाती हैं |
Investment की बात करें –
Large Cap | Mid Cap | Small Cap | |
Investment | 80% Large Cap Stock लेते हैं | 65% Mid Cap Stock लेते हैं | 65% small cap Stock लेते हैं |
Risk | Low Risk | Moderate Risk | High Risk |
Expected Return | 10 to 12% | 13 to 14% | 14 to 15% |
Investment Period | 5 से 7 साल | 10+ year | 10+ year |
DEBT MUTUAL FUNDS – (Low Risk Low Return)
ये वो fund होते हैं जिसमें हमारा पैसा government security , Money Market , Corporate Bonds आदि चीजों में invest किया जाता हैं , इन पर market के उतार चड़ाव का ज्यादा कोई effect नही पड़ता की market ऊपर जा रहा की नीचे जा रहा , क्यों की ये जो इनवेस्टमेंट होती हैं ये मार्केट की fluctuation से effect नही होते हैं इसलिए ये low risk होता हैं यहाँ low return होते हैं |
Debts MF में दो तरह के risk मिलते हैं
Credit Risk – बहुत सारी कंपनी बैंक से loan लेती हैं लेकिन कभी कभी वे लोन नही चुका पाती , लोन का जो ब्याज होता हैं वह नही चुका पाती तो उन कंपनी की जो credit rating होती हैं वह बैंक उनकी credit rating down कर देती हैं , जब किसी कंपनी की credit rating down हो जाती हैं उस कंपनी के bound में हमारा पैसा लगा हुआ हैं और उसकी credit rating कम हो गई हैं तो हमारे amount की वैल्यू भी कम हो जाएगी , कंपनी की value (इज्जत) कम तो हमारे fund की भी value कम |
Interest Rate Risk – हमने किसी कंपनी के bound में investment किया हैं और वह bound पर rate of interest 7% दे रही हैं और मान लो rbi ने कहाँ अब जो कंपनी हैं वह 8% rate of interest देगी तो इस कंपनी में जो 7% पर bound हैं इसमें कोई invest नहीं करेगा तो हमारे fund का value कम हो जाएगा |
Debts MF के टाइप =>
Over Right Fund – ये उन security में invest करता हैं जिनकी maturity 1 day की होती हैं लेकिन यह बहुत ही बहुत कम return देता हैं , उस दिन पैसा डाला और अगले दिन निकाल लिया |
Liquid Fund – इसकी maturity 91 days की होती हैं लेकिन यह overnight से अच्छा return देता हैं पैसा 2 से 3 महीने तक invest करना हैं तो यहाँ कर सकते हैं कभी भी पैसा निकाल सकते हैं |
Money Market Fund – इनका period एक साल का होता हैं Low Risk होता हैं और average return देता हैं 1 year के लिए investment
Corporate Bond Funds – 80% हमारा जो investment होता हैं उसका corporate bound मैं use करते हैं
Bank and psu Fund – 80% हमारा जो investment होता हैं उसका bank और psu bank की security में इस्तेमाल करते हैं |
Credit Risk Fund – इसमें short term के लिए investment कर सकते हैं क्यों की यह rate of interest ज्यादा देता हैं
Gift Fund – Government security में 80% investment होता हैं लेकिन risk इसमें भी हैं लेकिन बहुत कम |
इसके अलावा और 8 प्रकार के Fund होते हैं total 16 MF होते हैं |
Hybrid & Other Mutual Funds –
Hybrid Mutual Fund – hybrid mutual fund मैं जो fund manager होता हैं वह हमारा कुछ amount equity mutual fund और कुछ amount debts mutual fund में डालता हैं return 10% के आस पास मिल सकता हैं |
Solution Oriented Schemes – ये एक तरह का plan करना हैं जैसे किसी को अपने बच्चे का future plan करना हैं की आज साल का 1 लाख देते हैं और future मैं 50 लाख मिल जाएंगे या retairement के लिए अभी जमा कर रहे हैं | इसमे 5 साल का locking period भी होता हैं |
- Children Funds
- Retirement Funds
Other Schemes –
- Index Funds
- Fund Of Fund
- जो fund manager होता हैं वह directly market को copy करता हैं Nifty ऊपर तो Index Funds ऊपर एसा | यह एक प्रकार का passive fund होता हैं manager direct nifty मैं पैसा डालता हैं |
- Fund Of Funds – यह totally useless fund होता हैं यहाँ हम अपना पैसा किसी mutual fund वाले को देंगे वह manager किसी दूसरे matual fund मैं लगा देगा |
Extra –
- Open Ended Funds – इसमे से काभी भी पैसा निकाल सकते हैं
- Close Ended Funds – इनका एक time period होता हैं उससे पहले हम इसे बेच नही सकतें , इन fund को तभी खरीद जा सकता हैं जब ये अपना new fund offer निकालते हैं |
- Active & Passive Funds – Activly वर्क कर रहा ही यहाँ manager जो market मैं एक share मे पैसा लगाएगा profit करके निकाल लेगा एसे हो दूसरे stock मे लगाएगा profit gain करके निकाल लेगा |
Gold Investment –
Gold ETF (Exchange Trading Fund) – Gold में investment करने के options
- Physical Gold – Old theory होती हैं 100% purity के साथ मिलता भी नही हैं
- Digital Gold
- Mutual Fund
- Govt Bonds
Gold ETF में investment जो होता हैं यह एक प्रकार का mutual fund हैं हमे इसे demate account में रखना होता हैं हम जब भी gold etf बेचेंगे हमे पूरा पैसा मिलता हैं कोई फालतू change नही और कोई gst नही लगता हैं इसमे कुछ tax लगते हैं
क्यों की यह एक प्रकार का mutual fund हैं इस पर expenses ratio लगता हैं 1% जो बहुत ही कम होता हैं
Broker का comition होता हैं बहुत ही कम या किसी broker का commition भी नहीं होता
3 साल या उससे ऊपर जो भी profit होता हैं उसका 20% tax देना होता हैं
इनका Critearea कम से कम Gold ETF एक ग्राम गोल्ड की कीमत से खरीदना होता हैं दस ग्राम गोल्ड means 5000 हैं तो 1 ग्राम 5000 होना चाहिए इसे खरीदने के लिए
Gold Funds – यह एक प्रकार का mutual fund यहाँ छोटा investment भी कर सकते हैं |
ये Mutual Fund अपनी money को gold Etf में या gold related चीजों में लगाएगा
इसमें हम 500 रु. से भी invest कर सकते हैं
इसमें हम sip भी कर सकते हैं
Liquidity बहुत अच्छी हैं कभी भी बेच कर निकाल सकते हैं
Easy Investment Process – किसी भी app के through investment कर सकते हैं
कोई physical form में gold नही होता , जब भी gold etf में किसी को physical form में गोल्ड चाहिए तो वह physical form में गोल्ड dilivry ले सकता हैं लेकिन कन्डिशन यह हैं की आधा किलो से ज्यादा का gold होना चाहिए लेकिन gold fund में physical dilivry नही होती |
Charges – Expenses Ratio 1% लगता हैं Gold ETFहम खुद handle करते हैं तो इसमें चार्ज नही लगता जब की gold fund एक बंधा MF Use कर रहा होता हैं तो उसका चार्ज लगता हैं
3 साल से ज्यादा पर 20% प्रॉफ़िट पर tax