Yajna

यज्ञ क्यों करना चाहिए क्या हैं, इसका महत्व –

क्योंकि मेरे आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम नित्य यज्ञ करते थे |

क्योंकि मेरे आराध्य योगीराज श्री कृष्ण महाराज प्रतिदिन यज्ञ करते थे| भगवान शिव माता पार्वती के साथ यज्ञ करते थे|

क्योंकि ऋषि महर्षि अपने प्रत्येक कार्य से पूर्व यज्ञ करते थे|

क्योंकि वेद आदि ग्रंथों में प्रत्येक मनुष्य को यज्ञ करना अनिवार्य बताया है|

क्योंकि यज्ञ करने से पर्यावरण शुद्ध होता है, जिसको हम लोग प्रतिदिन प्रदूषित करते हैं|

क्योंकि यज्ञ विज्ञान में सिद्ध हो चुका है कि यज्ञ एक विज्ञानिक प्रक्रिया है और हानिकारक वायरस कीटाणुओं का शमन करने में सक्षम है|

क्योंकि मनुस्मृति, दर्शनशास्त्र ,उपनिषद, गीता, रामायण व महाभारत आदि सब प्रमुख ग्रंथों में इसकी महिमा का गुणगान किया गया है|

क्योंकि शास्त्रों में इसको यज्ञों में सर्वश्रेष्ठतम कर्म कहा गया है

क्योंकि आज विश्व में समस्त मानव जाति किसी ना किसी रूप में यज्ञ करती है|

क्योंकि यज्ञ वह पूजा है जिसका लाभ संसार में रहने वाले हर प्राणी को मिलता है|

 

यज्ञ क्यों ?

  • यज्ञ के माध्यम से समस्त देवताओं को भोजन कराया जाता है,जिससे देवताओं को बल और तेज प्राप्त होता है, फलस्वरूप देवता पूरी सृष्टी को अच्छी वर्षा, वायु, धन-धान्य, अच्छा प्राकृतिक वातावरण आशीर्वाद स्वरुप प्रदान करते हैं|
  • यज्ञ सृष्टि में व्याप्त समस्त जीव-जंतुओं के जीवन को सुख, आरोग्य व उल्लासिता से भर देता है|
  • यज्ञ से निकलने वाला धुआं और सुगंध संपूर्ण वायुमंडल को शुद्धता प्रदान कर उसे ऊर्जावान बनाता है|
  • यज्ञ संपूर्ण विश्व की सुख-शांति और मंगल कामनाओं के लिए किया जाता है|

 

यज्ञ के लाभ  –

  • यज्ञ से संपूर्ण सृष्टि में मनुष्य, जीव जंतुओं को आरोग्य व सुख-शांति की प्राप्ति होती हैं|
  • यज्ञ से पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदा, विपदा, दुर्घटना काल योग का निवारण होता है|
  • यज्ञ से मनुष्य जीवन के शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक व आर्थिक संकट दूर होकर सम्पूर्ण मनोरथ पूर्ण होते हैं|

 

– अन्तर्राष्ट्रीय वास्तुविद् वास्तुरत्न ज्योतिषाचार्य पं प्रशांत व्यासजी
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