Computer Basic – What is Computer in Hindi

What is Computer in Hindi – कंप्यूटर क्या है ?

कंप्यूटर एक यंत्र है, जो बिजली के द्वारा चलाया जाता है या हम कह सकते है, कंप्यूटर क्या है (What is Computer)- कंप्यूटर एक Electronic device है, यह एक ऐसा आधुनिक यंत्र है जो हमारे अनेक कार्यो को बहुत तेजी से और सरलता से पूर्ण करता है। अधिकांश लोग अपने दैनिक जीवन में कंप्यूटर का उपयोग कर रहे है।

Computer शब्द लैटिन भाषा शब्द “Compute” से लिया गया है जिसका अर्थ है, गणना करने योग्य मशीन या Program करने योग्य मशीन, बिना program के Computer कुछ भी नहीं कर सकता है। यह Data को input के रूप में स्वीकार कर संगृहीत करता है, Input data को process करता है और Output को एक आवश्यक प्रारूप में उत्पन्न करता है।

पुराने समय में Computer का use केवल Calculation करने के लिये किया जाता था किन्‍तु आजकल इसका use डाक्‍यूमेन्‍ट बनाने, E-mail, listening and viewing audio and video, play games, database preparation के साथ-साथ और कई कामों में किया जा रहा है, जैसे बैकों में, शैक्षणिक संस्‍थानों में, कार्यालयों में, घरों में, दुकानों में, Computer का उपयोग बहुतायत रूप से किया जा रहा है |

यह केवल उन Commands को follow करता है जो पहले से उसके अंदर डाले जाते है, क्योंकि उसमे सोचने और समझने की क्षमता नहीं होती।जो व्यक्ति Computer के लिए Program बनाता है उसे “Programmer” बोला जाता है और जो व्यक्ति Computer चलता है उसे “User” बोला जाता है।

कम्प्यूटर का जनक कौन है

कम्प्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) को कहा जाता है

कम्प्यूटर का फुल फॉर्म हिंदी और अंग्रेजी में

सी – आम तौर पर(Commonly)ओ – संचालित(Operated)एम – मशीन(Machine)पी- विशेष रूप से(Particularly)यू- प्रयुक्त(Used)टी – तकनीकी(Technical)ई – शैक्षणिक(Educational)आर – अनुसंधान(Research)

सामान्यतः Computer को दो भागो में बाटा गया है –

HardwareSoftware

हार्डवेयरकंप्यूटर के ऐसे parts जिन्हें हम छू सकते है, उन्हें physical components कहा जाता है। जैसे की कीबोर्ड, माउस, रेम आदि को हार्डवेयर कहा जाता है।यह दो प्रकार के होते है Internal और External

सॉफ्टवेयरकंप्यूटर सॉफ्टवेयर को हम छू नहीं सकते है। केवल GUI के माध्यम से उन्हें देख सकते है और कंप्यूटर हार्डवेयर की सहायता से उसे चला सकते है।इसकी मदद से हम अपने कार्य को आसानी से पूरा कर सकते है।

कम्प्यूटर के भागों का नाम –

प्रोसेसर – Micro Processor.मदर बोर्ड – Mother Board.मेमोरी – Memory.हार्ड डिस्क – Hard Disk Drive.मॉडेम – Modem.साउंड कार्ड – Sound Card.मॉनिटर – Monitor.की-बोर्ड माउस – Keyboard/Mouse.

कंप्यूटर की पीड़िया

जब बात Computer की generation की आती है तब इसका तात्पर्य है की Computer की पीडियां in hindi. जैसे जैसे computer में विकाश होते हैं उन्हें अलग अलग पीड़ियों में विभाजित कर दिया गया जिससे की इन्हें सठिक रूप से समझने में आसानी हो.

जब बात Computer की generation की आती है तब इसका तात्पर्य है की Computer की पीडियां जैसे जैसे computer में विकाश होते हैं उन्हें अलग अलग पीड़ियों में विभाजित कर दिया गया जिससे की इन्हें सठिक रूप से समझने में आसानी हो.

1. कंप्यूटर की पहली पीढ़ी – 1940-1956 “Vacuum Tubes” – सबसे पहले generation के कंप्यूटर Vaccum tubes को circuitry और Magnetic Drum को memory के लिए इस्तमाल करते थे. ये size में काफी बड़े बड़े हुआ करते थे.

इनको चलाने में काफी शक्ति का इस्तमाल होता था.ज्यादा बड़ा होने के कारण इसमें heat की भी बहुत समस्या थी जिससे ये कई बार malfunction भी होता था. इनमे Machine Language का इस्तमाल होता था. उदहारण के तोर पे UNIVAC and ENIAC computers.

2. कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी – 1956-1963 “Transistors” – Second generation के computers में transistors ने vaccum tubes की जगह ले ली. Transistor बहुत ही कम जगह लेते थे, छोटे थे, faster थे, सस्ते थे और ज्यादा Energy Efficient थे.

ये पहले generation के कंप्यूटर की तुलना में कम heat generate करते थे लेकिन फिर भी इसमें heat की समस्या अभी भी थी.इनमे High Level programming Language जैसे COBOL और FORTRAN को इस्तमाल में लाया गया था.

3. कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी – 1964-1971 “Integrated Circuits” – Third generation के कंप्यूटर में पहली बार Integrated Circuit का इस्तमाल किया गया था. जिसमे Transistors को छोटे छोटे कर silicon chip के अन्दर डाला जाता था जिसे Semi Conductor कहा जाता है.

इससे ये फ़ायदा हुआ की कंप्यूटर की processing करने की क्षमता काफी हद तक बढ़ गयी.पहली बार इस generation के computers को ज्यादा user friendly बनाने के लिए Monitors, keyboards और Operating System का इस्तमाल किया गया. इसे पहली बार Market में launch किया गया.

4. कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी – 1971-1985 “Microprocessors” – Forth generation की ये खासियत है की इसमें Microprocessor का इस्तमाल किया गया. जिससे हजारों Integrated Circuit को एक ही सिलिकॉन chip में embedded किया गया.

इससे मशीन के आकार को कम करने में बहुत आसानी हुई.Microprocessor के इस्तमाल से कंप्यूटर की efficiency और भी बढ़ गयी. ये बहुत ही काम समाया में बड़े बड़े कैलकुलेशन कर पा रहा था.

5. कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी – 1985-present “Artificial Intelligence” – Fifth generation आज के दोर का है जहाँ की Artificial Intelligence ने अपना दबदबा कायम कर लिया है. अब नयी नयी Technology जैसे Speech recognition, Parallel Processing, Quantum Calculation जैसे कई advanced तकनीक इस्तमाल में आने लगे हैं.

ये एक ऐसा generation हैं जहाँ की कंप्यूटर की Artificial Intelligence होने के कारण स्वयं decision लेने की क्ष्य्मता आ चुकी है. धीरे धीरे इसके सारे काम Automated हो जायेंगे.

कंप्यूटर कैसे कार्य करता है?

किसी भी modern digital कंप्यूटर के कई components हैं लेकिन उन में से कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण है जैसे Input device, Output Device, CPU(Central Processing Unit), Mass Storage Device और Memory.

  1. Input (Data): Input वो step है जिसमे की Raw Information को Input Device इस्तमाल करके कंप्यूटर में डाला जाता है. ये कोई letter, पिक्चर या कोई विडियो भी हो सकता है.
  2. Process: Process के दौरान input हुए data को instruction के अनुसार processing की जाती है. ये पूरी तरह से Internal प्रोसेस है.
  3. Output: Output के दौरान जो data पहले से process हो चुकी हैं उसको Result के तोर में show किया जाता है. और यदि हम चाहें तो इस result को save कर के Memory में रख भी सकते हैं Future के इस्तमाल के लिए.

कंप्‍यूटर मेमोरी की यूनिट –

  • 1 बिट (bit) = 0, 1
  • 4 बिट (bit) = 1 निब्‍बल
  • 8 बिट = 1 बाइट्स (Byte)
  • 1000 बाइट्स (Byte) = एक किलोबाइट (KB)
  • 1024 किलोबाइट (KB) = एक मेगाबाइट (MB)
  • 1024 मेगाबाइट (MB) = एक गीगाबाइट (GB)
  • 1024 गीगाबाइट (GB) = एक टेराबाइट (TB)
  • 1024 टेराबाइट (TB) = एक पेंटाइट (PB)
  • 1024 पेडाबाइट (PB) = एक एक्साबाइट (EB)
  • 1024 एक्साबाइट (EB) = एक ज़ेटबाइट (ZB)
  • 1024 ज़ेटाबाइट (ZB) = एक ज़ेटबाइट (YB)

ALU(Arithmetic Logic Unit): ALU के द्वारा दो तरह की गणनाएँ की जाती हैं-

  • अंकगणितीय क्रियाएँ या अंकगणितीय गणनाएँ (Arithmetic operation) उदाहरण – जोड (+), घटाव (-), गुणा (×), भाग (÷)
  • तार्किक क्रियाएँ या तार्किक गणनाएँ (Logical operation)

उदाहरण – Equal_to(=), Less_than(< ), Greater_than( > ), Less_than_equal_to( ≤ ), Greater_than_equal_to( ≥ ), Less_than_OR_does_not_equal_to( <≠ ), Greater_than_OR_does_not_equal_to( >≠ )

CU(control unit):All The Processing of computer

M(Memory):It is Storage Device, There are two types of memory- 1. Primary Memory 2. Secondary Memory

Primary Memory-Where all the data are row information is stored temporarily if power is gone the data will remove
Types of primary memory=>
1 RAM
2 ROM

Secondry Memory-Where all the data are row information are store Permanently if power is gone there is no effect on data
Types of Secondry memory=>
1 HDD(HARD Disk Drive)
2 FDD(Flope Disk Drive)
3 ODD(opticle Disk Drive)

Computer Ports क्या हैं?

कंप्यूटर पोर्ट का इस्तेमाल किसी भी यंत्र को कंप्यूटर (सी.पी.यू.) के साथ जोड़ने के लिए किया जाता हैं। ये पोर्ट विभिन्न प्रकार के इंटरनल डिवाइस जैसे: हार्ड डिस्क, डीवीडी प्लेयर तथा एक्सटर्नल डिवाइस जैसे की-बोर्ड, माउस, प्रिंटर, मॉनिटर आदि को मदरबोर्ड से कनेक्ट करते हैं।

Computer Port दो प्रकार से उपयोग में लाये जाते है पहला होता है Internal Port जिनमे Computer के अंदर के यंत्रो को अंदर के Port में जोड़ा जाता है और दूसरा होता है External Port जिसमे बाहरी यंत्रो को Computer के साथ जोड़ा जाता है साथ ही कंप्यूटर पोर्ट के 2 प्रकार होते है।

computer Basic

कंप्यूटर में मुख्य रूप से निम्नलिखित पोर्ट महत्वपूर्ण होते है:

  • सीरियल पोर्ट (Serial Port) : इस पोर्ट का इस्तेमाल मॉडेम, पुराने कंप्यूटर माउस और प्रिंटर में किया जाता है। (हालांकि अधिकांश प्रिंटर पैरेलल पोर्ट से जुड़े होते हैं)।यह 25 पिन का होता हैं |
  • पैरेलल पोर्ट (Parallel Port) : इस पोर्ट का इस्तेमाल स्कैनर और प्रिंटर में किया जाता है।
  • यूएसबी पोर्ट ( Universal Serial Bus ): इस पोर्ट का इस्तेमाल बाहरी उपकरण जैसे की एक्सटर्नल हार्ड डिस्क, माउस, कीबोर्ड, डिजिटल कैमरा इत्यादि पेरिफेरल उपकरणों को कनेक्ट करने में किया जाता है।
    ये निम्नलिखित प्रकार की होती है: USB 1.0 इसकी डाटा Read और Write करने की स्पीड 183 kB/sहोती है जो काफी कम है अब बात करते है USB 2.0 की जिसकी स्पीड 480 MBps होती है जो USB 1.0 की तुलना में काफी हाई स्पीड है और अब बात करते है USB 3.0 की जो बिलकुल नई टेक्नोलॉजी है जिसकी ट्रान्सफर स्पीड 5GBps मतलब की 640MBps है जो अल्ट्रा फ़ास्ट है।
  • PS/2 Port : इस पोर्ट का इस्तेमाल पुराने कंप्यूटर के कीबोर्ड और माउस के लिए किया जाता था।
  • VGA Port : इस पोर्ट का इस्तेमाल कंप्यूटर के मोनिटर को मदरबोर्ड के वीडियो कार्ड से जोड़ने में किया जाता है।यह 15 पिन का ओट हैं |
  • पावर कनेक्टर पोर्ट (Power Connector) : इस पोर्ट का इस्तेमाल कंप्यूटर को पावर केबल से जोड़ने में किया जाता है।
  • ईथरनेट पोर्ट/RJ 45 पोर्ट (Ethernet Port) : इस पोर्ट का इस्तेमाल कंप्यूटर को नेटवर्क केबल (LAN Cable) से जोड़ने में किया जाता है।
  • गेम पोर्ट (Game Port) : इस पोर्ट का इस्तेमाल कंप्यूटर से गेमपैड या जॉयस्‍टिक से जोड़ने में किया जाता है।
  • ऑडियो पोर्ट (3.5mm Audio Port) : इस पोर्ट का इस्तेमाल कंप्यूटर को माइक्रोफ़ोन और स्पीकर से कनेक्ट करने में किया जाता है। पिंक कलर पोर्ट माइक कनेक्ट करने के लिए और ग्रीन कलर का पोर्ट स्पीकर कनेक्ट करने के लिए होता हैं |
  • एचडीएमआई पोर्ट (HDMI Port) : इस पोर्ट का इस्तेमाल वीडियो डेटा संचारित करने के लिए अर्थात इस पोर्ट का उपयोग कर हम कंप्यूटर को किसी कंप्यूटर मॉनीटर, वीडियो प्रोजेक्टर या डिजिटल टेलीविजन से जोड़ने में किया जाता है।
  • फायर वायर पोर्ट (Firewire Port) : इस पोर्ट का इस्तेमाल कैमकोर्डर और वीडियो उपकरणों को कंप्यूटर से जोड़ने में किया जाता है।
  • DVI पोर्ट (Digital Visual Interface) : इस पोर्ट का इस्तेमाल High End Video Graphic Card को फ्लैट पैनल LCD मॉनिटर से जोड़ने में किया जाता है।

कंप्यूटर को खोलने पर वह कैसा दिखाई देता हैं ?

Motherboard- किसी भी कंप्यूटर का मुख्य circuit board को Motherboard कहा जाता है. ये एक पतली प्लेट की तरह दीखता है पर ये बहुत सी चीज़ों की धारण किया हुए होता है. जैसे CPU, Memory, Connectors hard drive और Optical Drive के लिए, expansion card Video और Audio को control करने के लिए, इसके साथ साथ कंप्यूटर के सभी Ports को connection. देखा जाये तो Motherboard कंप्यूटर के सारे पार्ट्स के साथ directly या in directly जुड़ा हुआ होता है.

CPU/Processor- क्या आप जानते है Central Processing Unit यानि CPU क्या है? इसको भी कहा जाता है. ये कंप्यूटर case के अन्दर Motherboard में पाया जाता है. इसे कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है. ये किसी Computer के भीतर ही रहे सारे गतिविधियों के ऊपर नज़र रखे हुए होता है. जितनी ज्यादा एक Processor की speed होगी उतनी ही जल्दी ये processing कर पायेगा.

RAM- RAM को हम Random Acess Memory के नाम से भी जानते हैं. ये System का Short Term Memeory होता है. जब भी कभी कंप्यूटर कुछ कैलकुलेशन करता हैं तब ये temporarily उस result को RAM में save कर देता हैं. अगर कंप्यूटर बंद हो जाये तो ये डाटा भी खो जाता है. यदि हम कोई document लिख रहे हों तब उसे नष्ट होने से बचने के लिए हमें बिच बिच में अपने डाटा को save करना चाहिए. Save करने से Data Hard Drive में save हो तो ये लम्बे समय तक रह सकती है.RAM को megabytes (MB) or gigabytes (GB) में मापा जाता हैं . जितना ज्यादा RAM होगा उतना हमरे लिए अच्छा हैं.

Hard Drive- Hard Drive वो component है जहाँ software, documents और दुसरे file को save किया जाता है. इसमें data लम्बे समय तक store होकर रहता है.

Power Supply Unit- Power supply unit का काम होता है की Main Power Supply से पॉवर लेकर उसे जरुरत के अनुसार दुसरे components में Supply करना.

Expansion Card- सभी Computers के Expansion Slots होते हैं जिससे की हम Future में कोई Expansion Card को add कर सकें. इन्हें PCI (Peripheral Components Interconnect) card भी कहा जाता है. लेकिन आज कल के Motherboard में built in ही कई Slots पहले से होते हैं. कुछ Expansion Card के नाम जो हम पुराने computers को update करने के लिए इस्तमाल कर सकते हैं.Video CardSound cardNetwork CardBluetooth Card (Adapter)

कंप्यूटर के प्रकार –

Computers बहुत सारे प्रकार के होते हैं. विभीन्न Shapes और Size के आते हैं. जरुरत के अनुसार हम इनका इस्तमाल करते हैं जैसे की ATM पैसे निकालने के लिए, Scanner किसी Barcode को स्कैन करने के लिए, Calculator किसी बड़ी calculation करने के लिए. ये सारे different types के Computer हैं.

  1. Desktop बहुत से लोग Desktop कंप्यूटर का इस्तमाल अपने घरों, स्कूलों और अपने Personal काम के लिए करते हैं. इनका डिजाईन कुछ इस प्रकार से होते हैं कि इन्हें हम अपने desk पर रख सकें. इनके बहुत सारे Parts होते हैं जैसे Monitor, Keyboard, Mouse, कंप्यूटर Case.
  2. Laptop Laptop के बारे में आप तो जानते ही होंगे जो की Battery Powered होते हैं, ये बहुत ही ज्यादा portable होते हैं जिससे इन्हें कहीं भी और कभी भी ले जाया जा सकता हैं.
  3. Tablet अब बात करते हैं Tablet की जिसे हम Handheld कंप्यूटर भी कहते हैं क्यूंकि इसे बड़ी आसानी से हातों में पकड़ा जा सकते है.इसमें Keyboard और Mouse नहीं होते, बस एक touch Sensitive स्क्रीन होता है जिसे typing और navigation के लिए इस्तमाल किया जाता है. Example- iPAD .
  4. Servers एक Server कुछ इसप्रकार का कंप्यूटर है जिसे हम Information के आदान प्रदान के लिए इस्तमाल करते हैं. उदहारण के तोर पे जब भी हम कोई चीज़ Internet में खोजते है वो सारी चीज़ें Server में ही store होती हैं.

अन्य प्रकार के कंप्यूटरस्मार्टफ़ोन (Smartphone) : जब एक normal cell phone में Internet enable हो जाता है, वहीँ उसका इस्तमाल कर हम बहुत से कार्य कर सकते हैं तब ऐसे cell phone को स्मार्टफोन कहा जाता है.

पहनने योग्य (Wearable) : पहनने योग्य तकनीक उपकरणों के एक समूह के लिए एक सामान्य शब्द है – जिसमें फिटनेस ट्रैकर्स और स्मार्टवॉच शामिल हैं – इन्हें कुछ इसप्रकार से design किया गया है जिससे की इसे पूरे दिन पहने जा सकते हैं. इन उपकरणों को अक्सर पहनने योग्य कहा जाता है.

गेम कंसोल (Game Control) : यह गेम कंसोल भी एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर है जिसका उपयोग आपके टीवी पर वीडियो गेम खेलने के लिए करते हैं.

टीवी (TV): टीवी भी एक प्रकार का computer होता है जिसमें अब काफी एप्लिकेशन या ऐप्स शामिल हैं जो की इसे Smart Tv में परिवर्तित करते हैं. वहीँ अब आप सीधे अपने टीवी पर इंटरनेट से वीडियो स्ट्रीम कर सकते हैं.

कंप्यूटर का उपयोग –

शिक्षा के क्षेत्र में – कंप्यूटर की मदद से किसी भी student की learning performance में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. आजकल तो घर बैठे ही Online Classes की मदद से पढाई की जा सकती है.

स्वास्थ्य ओर चिकित्सा – मरीजों का इलाज बहुत ही आसानी से हो जाता है. आजकल सभी चीज़े digital हो गयी है जिससे बड़ी आसानी से रोग के बारे में पता चल जाता है और उस हिसाब से उसका इलाज भी possible है. इससे operation भी आसान बन गए हैं.

विज्ञान के क्षेत्र में – ये तो Science की ही देन है। Collaboratory जिससे दुनिया के सारे scientist एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं, इससे कुछ फरक नहीं पड़ता है की आप कोन से देश में मह्जूद हो।

व्यापार के क्षेत्र में – productivity और competitiveness को बढ़ने के लिए. इसका इस्तमाल मुख्य तोर से Marketing, Retailing, Banking, Stock Trading में होता है. यहाँ सभी चीज़ें digital होने के कारण इसकी processing बड़ी ही फ़ास्ट हो गयी है. और वेसे भी आजकल Cashless Transaction पे ज्यादा importance दिया जा रहा है।

मनोरंजन एवं कॉमेडी के क्षेत्र में – Entertainment के लिए ये एक नया अड्डा बन गया है, किसी भी चीज़ों के बारे में आप बात करो जैसे Movies, Sports या resturants हर जगह इसका इस्तेमाल हो रहा हैं ।

सरकारी क्षेत्र मे – आजकल तो Government भी इनकी इस्तमाल के ऊपर ज्यादा focus दे रही है. यदि हम बात करें Traffic, Tourism, Information & Broadcasting, Education, Aviation सभी जगह कंप्युटर के इस्तमाल से हमारा काम बहुत ही आसन हो गया है.

सुरक्षा के क्षेत्र में – सेना में भी इनका इस्तमाल काफी हद तक बढ़ गया है. जिसकी मदद से अब हमारी सेना और ज्यादा सशक्त बन गयी है. क्यूंकि आजकल सभी चीज़ों को कंप्यूटर की मदद से control किया जाता है.

 

Wikipedia

Computer Basic में MS Word की जानकारी