पैसों का पेड़
एक गरीब लकड़हारा लकड़ियाँ काटकर अपने घर जा रहा था। रास्ते में उसे एक साधु बाबा मिले। सर्दियों के दिन थे। साधु बाबा ठंड से ठिठुर रहे थे। लकड़हारे ने कुछ लकड़ियाँ साधु बाबा के पास जला दीं।
उन्हें बहुत आराम मिला। खुश होकर उन्होंने जकड़हारे को एक अंगूठी दी। उन्होंने लकड़हारे को बताया कि यदि वह इस अंगूठी को पहनकर मंत्र पढ़ेगा तो उसके सामने पैसों का एक पेड़ उग आएगा।
फिर वह जितने चाहे उतने पैसे तोड़ सकता है। उन्होंने लकड़हारे को एक मंत्र भी बताया। पेड़ उगाने के लिए यह मंत्र पढ़ना ज़रूरी था।
लकड़हारे ने साधु बाबा को धन्यवाद दिया और अपने घर आ गया। उसने अपनी पत्नी को अंगूठी दिखाई। वह भी बहुत खुश हुई। अब उन्हें जब भी पैसों की जरूरत होती थी, वे दोनों पैसों का पेड़ उगा लेते थे।
एक दिन उनके एक पड़ोसी ने उन्हें ऐसा करते हुए देख लिया। उसे लालच आ गया। एक रात उसने वह अँगूठी चुरा ली। उसने अंगूठी को पहन लिया और पैसों का पेड़ उगने का इंतजार करने लगा।
लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। उसे पता ही नहीं था कि पेड़ उगाने के लिए मंत्र भी पढ़ना पड़ता है।
उधर लकड़हारा परेशान था। उसने पूरे घर में अंगूठी ढूँढी, लेकिन उसे कहीं भी अंगूठी नहीं मिली। वह परेशान होकर साधु बाबा के पास पहुँचा । साधु बाबा ने अपनी शक्ति से चोर का पता लगा लिया।
अंगूठी उस लालची पड़ोसी के पास ही थी। साधु बाबा ने उससे अँगूठी ले ली। उसे पुलिस ने पकड़ लिया और कड़ी सज़ा दी। इसीलिए कहते हैं कि चोरी करना बुरी बात है।
Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा :-” चोरी करना बुरी बात है।
तीन चोर
बहुत दिनों की बात है। किसी शहर में रमन, घीसा और राका तीन चोर रहते थे। तीनों को थोड़ा-थोड़ा विद्या का ज्ञान था। तीनों चोरों को विद्या का ज्ञान प्राप्त होने के कारण बहुत घमण्ड था।
विद्या द्वारा तीनों चोर शहर में बड़े-बड़े लोहे की तिजोरियों को तोड़ देते थे और बैंकों को लूट लिया करते थे। इस तरह तीनों चोरों ने शहर के लोगों की नाक में दम कर रखा था।
एक बार तीनों चोरों ने एक बड़े बैंक में डकैती करके सारा माल उड़ा दिया। तब पुलिस को खबर हुई तो तीनों चोरों को पकड़ने के लिए तलाश करने लगी। मगर तीनों चोर पास ही के एक घने जंगल में भाग गए।
तीनों चोरों ने देखा कि जंगल में बहुत-सी हड्डियां बिखरी पड़ी हैं। रमन ने अनुमान लगाकर कहा- ‘ये तो किसी शेर की हड्डियां हैं। मैं चाहूं तो सभी हड्डियों को अपनी विद्या के ज्ञान द्वारा जोड़ सकता हूं।’
घीसा को भी विद्या का घमंड था सो, वह बोला – ‘अगर ये शेर की हड्डियां हैं तो मैं इनको अपनी विद्या द्वारा शेर की खाल तैयार कर उसमें डाल सकता हूं।’
रमन और घीसा की बात सुनकर राका का भी घमझड उमड़ पड़ा और उसने कहा -‘तुम दोनों इतना काम कर सकते हो तो मैं भी अपनी विद्या द्वारा इसमें प्राण डाल सकता हूं।’
तीनों चोर अपनी विद्या का प्रयोग करने लगे। कुछ देर बाद रमन ने सारी हड्डियों को जोड़ दिया और घीसा ने शेर की हुबहू जान डाल दी।
थोड़ी देर में तीनों चोर सामने एक जीवित भयानक शेर को देखकर थर-थर कांपने लगे। मगर शेर के पेट में तो एक दाना नहीं था। वह भूख के मारे गरजता हुआ तीनों चोरों पर हमला कर बैठा और मारकर खा गया। शेर मस्त होकर घने जंगल की ओर चल दिया।
Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा :- ” इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है कि कभी घमण्ड नहीं करना चाहिए। घमण्डी को हमेशा दुख का ही सामना करना पड़ता है। यदि तीनों चोर अपनी विद्या का घमण्ड न करते तो उन्हें जान से हाथ न घोने पड़ते। “